तुम हो परदेशी
मेरे मुस्कुराते होठों को गम की आहों से सजा देता है
तुम तो हो परदेशी मुझे दूरी का एहसास करा देता है
हाँ में हूँ परदेशी साथ तेरा न दे पाऊं
किसी दिन शायद बिना मिले ही बिछड़ जाऊं
पर वो बिछड़ना मिलने से भी ज्यादा करीब ला देता है
तू मुझसे दूर रहता है में तुझसे दूर रहती हूँ
कभी तू मुझसे रूठ जाता है कभी में तुझसे रूठी रहती हूँ
प्यार बे पनाह है यह रूठना मनाना ही बता देता है।
तुझे किसी की परवाह नहीं तू चाहें कह दे
मानूँ में यह सच जो तू, मुझसे बिछड़के रह ले
पूछ अपने दिल पे हाथ रखके दिल सच का पता देता है।
तेरी आँखों मे छलकती है अहमियत मेरी
मेरे लिए भी कुछ कम नहीं शख्सियत तेरी
इसलिए ही तो तेरी जुदाई का एहसास मुझको रुला देता है।
मुझको है गवारा तेरा परदेशी होना
पर किसी और कि यादों में मत खोना
इन रास्तों की दूरी भी क्या दूरी है दिल इस दूरी को पल में हटा देता है।
परदेशी हो जाना पर दिल से दूर होने की बात मत करना
मेरे दिल के नाम अश्कों की यह सौगात मत करना
न पूछ यह सोचना ही दिल को जमाने के गम में डुबा देता है।
कभी कभी तेरा मुझसे बेरुख होना
कभी कभी कितना दर्द देता है तेरा बेताहरूफ होना
कभी इतनी बेरुखी से पेश आना कभी जमाने भर की मुहब्बतें लुटा देता है।
Niraj Pandey
08-Nov-2021 09:01 AM
बहुत खूब
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Author sid
07-Nov-2021 08:42 PM
👍👍👍
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